अगस्त में आरबीआई ने पुरानी रेपो रेट को रखा बरकरार रखा है, नहीं घटेगी होम लोन की ईएमआई?

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने क्रेडिट पॉलिसी बैठक के फैसलों का ऐलान कर दिया है। कर्ज सस्ता होने और ईएमआई का बोझ कम होने का इंतजार कर रहे लोगों को एक बार फिर से निराशा हाथ लगी है, क्योंकि रिजर्व बैंक ने रिकॉर्ड नौवी बैठक में भी रेपो रेट को कम नहीं किया है आरबीआई ने रेपो रेट को 6.50 पर बरकरार रखा है। रेपो रेट का असर आपके लोन की ईएमआई पर भी पड़ता है चलिए इस वीडियो में एक्सप्लेन करेंगे कि क्या कुछ हुआ है आज की मीटिंग में और इसका आपकी ईएमआई पर कैसे असर पड़ता है, तो देखिए रेपो रेट का सीधा असर लोन की ईएमआई पर होता है। अगर रेपो रेट बढ़ाई जाती है तो लोन की किश्त भी बढ़ जाती हैं। वहीं रेपो रेट के कम होने से लोन की किश्त कम हो जाती हैं। लेकिन लोन की ब्याज दर कितनी बढ़ा दिया या घटा है। यह बैंकों का फैसला होता है इस बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है, इसीलिए सस्ते लोन के लिए अभी आपको और इंतजार करना पड़ेगा

अब अगर आपको नहीं पता है कि रेपो रेट क्या है तो वो भी जान लेते हैं तो देखिए जिस तरह आप अपने जरूरत रतो के लिए बैंकों से लोन लेते हैं उसी तरह बैंक भी अपनी जरूरतों के लिए रिजर्व बैंक से लोन लेते हैं भारतीय रिजर्व बैंक जिस ब्याज दर पर बैंकों को लोन देता है उसे रेपो रेट कहा जाता है आरबीआई जब रेपो रेट को कम करता है तब ज्यादातर बैंक भी लोन सस्ता कर देते हैं लेकिन अगर रेपो रेट बढ़ती है तो बैंक भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर देते हैं यानी आपके लोन की ईएमआई बढ़ जाती है। अब बात करते हैं कि मौजूदा ब्याज दरें क्या हैं तो छह में से चार मेंबर्स ने रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैस फैसला लिया है रिवर्स रेपो रेट 3.35 पर बरकरार है एमएसएफ रेट और बैंक रेट 6.75 पर बरकरार है जबकि एसडीएफ रेट 6.25 पर है सीआरआर 4.50 और एसएलआर 18% है।

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आरबीआई गवर्नर शक्ति कांता दास ने कहा कि सेंट्रल बैंक के लिए इंफ्लेशन अभी भी सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है और यही कारण है कि एमपीसी ने एक बार फिर से रेपो रेट को 6.5 पर ही स्थिर रखने का फैसला किया है। आरबीआई गवर्नर ने बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी और उन्होंने बताया कि एमपीसी के छह में से चार सदस्यों ने रेपो रेट को स्थिर रखने का पक्ष लिया एमपीसी की अगली बैठक अक्टूबर महीने में होगी रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने रेपो रेट में आखिरी बार पिछले साल फरवरी में बदलाव किया था यानी डेढ़ साल से रेपो रेट में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है, फरवरी 2023 में हुई एमपीसी की बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 कर दिया था।

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आपको यह भी बता दें कि रिजर्व बैंक के फाइनेंशियल ईयर 24-25 का फुल बजट पेश होने के बाद पहली मीटिंग थी फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमन ने पिछले महीने 23 जुलाई को फुल बजट पेश किया था और यह करंट फाइनेंशियल ईयर में रिजर्व बैंक की शक्तिशाली मौद्रिक नीति समिति की तीसरी बैठक थी छह सदस्यों वाली एमपीसी की मीटिंग में ही रेपो रेट पर फैसला लिया जाता है। रिजर्व बैंक देश में रिटेल इंफ्लेशन के रेट को 4 पर से नीचे लाना चाहता है रिटेल इंफ्लेशन का रेट मई महीने में कम होकर 5 पर से नीचे आ गई थी और 4.75 पर के साथ साल भर में सबसे कम हो गई थी। हालांकि खाने-पीने की चीजों की महंगाई खासकर सब्जियों और दाल के भाव में तेजी आने से जून में इंफ्लेशन रेट एक बार फिर से 5 पर के पार निकल गई है और 4 महीनों के उच्च स्तर 5.08 पर पहुंच गई है ।

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