KCC यानि किसान क्रेडिट कार्ड के नुकसान

दोस्तों नमस्कार,आज की इस पोस्ट में हम किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) लोन से होने वाले नुकसान के बारे में बताने वाले हैं ताकि अगर आप ने लोन ले रखा है, तो आपको पता होना चाहिए जाने अनजाने में आपको क्या नुक्सान हो रहा हैं। पूरी जानकारी के लिए आर्टिकल को जरूर पढ़े –

सरकार ने बैंकों को आदेश दे रखा है की 1,60,000 रुपए तक के लोन पर किसान की जमीन को रहन (गिरवी) न रखे, लेकिन फिर भी बैंक ऐसा नहीं करते। अगर बैंक आपको 1 लाख का भी लोन देते हैं तो भी बैंक किसान की जमीन को गिरवी रख लेते है। आपने देखा भी होगा अगर बैंक ने आपको 1 लाख रुपए का लोन दिया होगा तो बैंक आपकी जमींन को रहन पे रख लेता है। आप जब भी जमाबंदी निकलवाओगे तो उस जमाबंदी पर लिखा होता है जमींन फलां फलां बैंक में रहन यानि गिरवी रखी हुई है, हलाँकी RBI कहता है किसान की जमीन को तब ही रहन कीजिये अगर वो 1,60,000 रुपए से ज्यादा रुपए लोन लेता है।

पहला नुकसान

अगर बैंक आपकी जमीन गिरवी रख लेती है, अगर और पैसे की जरूरत पड़ जाये तो उसे ना तुम बेच सकते हो जब तक तुम KCC का पूरा पैसा चुकता करके No Duse नहीं ले लेते, अगर कही जमानत लेनी पड़ जाए तो तूम उस जमीन के कागजात दिखाकर जमानत नहीं ले सकते। अगर उसने जमींन सरकारको देनी पड़ जाये तो नहीं दे सकते,उस पर सरकार मकान बनाना चाहे तो मकान भी नही बना सकती क्योकि जमीन बैंक में रहन/बंधक है। कुल मिला के ये नुकसान होते है KCC लोन लेने पर।

दूसरा नुकसान

आप अपने किसान क्रेडिट कॉर्ड (KCC) से पैसे निकले या ना निकले तब भी चार्जेज लगेंगे। अगर पैसा निकले या ना निकालें तब भी चार्जेज लगेंगे। खाते पर जो भी चार्जेज लगने होते है कहते पर सभी के सभी सालाना चार्जेज लगाए जाते हैं जैसे की इंस्ट्रक्शन चार्जेज, वार्षिक चार्जेज इस तरह के सभी चार्जेज लगाए जाते हैं। अगर आप ये सोच रहे हो हम किसान क्रेडिट कॉर्ड (KCC) बनवाकर छोड़ देते है और जब भी जरूरत होगी पैसा ले लेवेंगे तो फिर भी आपको हर छटे महीने ये चार्जर भरने हॉंग़े।

इसके अतिरिक्त जब आप KCC बनवाते हो तो बैंक उसी टाइम आपका सेविंग खता भी ओपन कर देते हैं, अगर आप 3,00,000 रुपए की KCC बनवा लेते हो और बनवाकर लोन नहीं लेते तो वो आपकी केसीसी खाते की रकम को उठाकर आपके सेविंग खाते में डाल देते हैं और आपको केसीसी पर ब्याज लगता रहता है। यानी आपने पैसा निकला भी नहीं और फिर भी आपको ब्याज लगता रहता है, बैंक इस तरह के भी काम करता है। ब्याज आपको ही भरना पड़ता है।

तीसरा नुकसान

अगर समय पर KCC भरने में चूक हो जाती है। आप एक साल तक KCC नहीं भर पाते और एक साल से अगर एक दिन भी ज्यादा हो जाता है तो उससे आपका सिकिल स्कोर भी खराब होता है ये सिर्फ KCC लोन लेने से ही होता है अगर आपके खाते में किसी भी कारण लेट होने की वजह या धीरे धीरे ब्याज बढ़ कर अगर 3,00,000 रुपए से अगर 1 रुपया भी ज्यादा हो जाता है तो भी आपकी सिविल स्कोर खराब होता है। ये भी ध्यान रखे बैंक ने आपकी KCC की जो भी लिमिट बनाई है,अगर ब्याज लग कर पैसा लिमिट से ज्यादा बन गया यानि ओवर लिमिट हो गया तो उससे भी आपका सिविल खराब होता है। आपको पता भी नहीं लगता और आपका सिविल खराब होने लगता है। ये भी नुक्सान यहां पर होता है।

चौथा नुकसान

दोस्तों, एक बात और बताना चाहता हूँ अगर गलती से किसान का लोन NPA हो जाये तो उस दशा में बैंक वाले शोर मचाने लग जाते हैं, उन्हें ऐसा लगता है अगर ये लोन NPA से बहार नहीं होगा यानि जब तक लोन की अदायगी नहीं होगी तो बैंक वालो को लगता है कही देश की जीडीपी गिरकर पाताल में ना पहुँच जाये। कुल मिलाकर किसान को मानसिक रूप से तंग किया जाता है या तो आप लोन भर दीजिये वर्ना आपकी जमींन की नीलामी कर देंगे। रिकवरी एजेंटो को घर पर भेज कर किसान को परेशान किया जाता है और उनके खाते में रिकवरी सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है।

किसान को हर प्रकार से प्रताड़ित किया जाता है, जबकि बिज़नेस मैन का खाता अगर उसी बैंक में है तो उनके करोड़ो रुपए के लोन NPA चल रहे होते है उन्हें इस तरह कभी भी परेशान नहीं किया जाता, उनके साथ कभी भी इस तरह का बर्ताव नहीं किया जाता कि उनके घर रिकवरी एजेंट भेजे, उन्हें डराए धमकाए, उनके खाते में रिकवरी सर्टिफिकेट लगाएं, उनके साथ ऐसा नहीं होता है।

ये सिर्फ किसान भाइयों के साथ ही होता है क्योकि किसान को जो लोन दिया जाता है वो जमीं को रहन रख कर दिया जाता है अगर वो समय पर न चूका पाए तो उसे धमकी दी जाती है। अगर उसने लोन चुकता नहीं किया तो किसान को डर लगा रहता है कहीं बैंक उसकी जमींन को नीलाम न कर दे, जबकि बिज़नेस लोन में किसी तरह की कोई सिक्योरटी होती नहीं है तो बैंक भी डरता है वहां पर। ये भी नुकशान किसान को ही झेलना पड़ता है यहां पर अगर उसका लोन गलती से भी NPA हो जाता है तो बैंक वाले उसे बड़ा परेशान करते हैं।

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पांचवा नुकशान

दोस्तों अगर आप प्रत्येक छ:माही में आप आउट फॉर्म देना भूल जाते हैं फसल बीमा का बैंक को एक आउट फॉर्म होता है अगर आप वो बैंक को हर छ:माही में देना भूल जाते हैं तो बैंक आपके खाते में पर 1%से 2% पीएमएफबीवाई के चार्जेस लगा देता है, मान लीजिए 3 लाख रुपए आपकी लिमिट है और 2 परसेंट पर आपके खाते से खरीफ के सीजन में पैसा काटा गया फसल बीमा का तो ये हो गया 6000 रुपए और इधर काटा गया 4500 रुपए रबी की फसल में तो कुल मिलाकर के साल का 10 -11 हजार तो आपका फसल बीमा में ही चला जाता है।

बीमा कंपनियों के इतने नियम बना रखे हैं की बीमा कंपनियों ने कि क्लेम तो किसान को मिलता ही नहीं बल्कि किसान की बहुत ही बुरी परिस्थिति हो जाती है। हाँ किसान को कभी कभार पीएमएफबीवाई की तरफ से क्लेम मिल पाता है, नहीं तो किसान का जो प्रीमियम है 9 -10 हजार रुपए वार्षिक वो पूरा का पूरा बेकार चला जाता है तो ये भी किसान को ही नुकसान उठाना पड़ता है।

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छटा नुकशान

दोस्तों केसीसी लोन में किसान को 4% वार्षिक ब्याज बता कर के किसानों से 12% वार्षिक ब्याज बैंक वसूलते हैं। दोस्तों जब आप केसीसी लोन लेते हैं या आपने कहीं सुना होगा कहीं देखा होगा वहां पर आपको यही बताया जाता है कि केसीसी लोन 3 लाख रुपए पर आपको 4% सालाना ब्याज पर मिल जाता है। इसमें आपको 3 पर की सब्सिडी सरकार के द्वारा दी जाती है।

बात ये दोस्तों सच होती है लेकिन यहां पर किसान को बताया नहीं जाता या पूरी बात किसान को समझाई नहीं जाती कि आपको किस तरह से अदायगी करना है, तब जाकर आपको सब्सिडी का फायदा मिलेगा किसान कम पढ़ा लिखा होता है। जब आप उसे लोन दे रहे हैं तो उसे आपको बताना चाहिए या पूरी बात समझाना चाहिए कि आपको समय से लोन भरना है आपके खाता ओवरड्यू नहीं होना चाहिए। एक दिन भी ऊपर अगर चला जाएगा तो भी आपको सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा।

आपके खाते में बकाया राशि 1 रुपया भी नहीं रहनी चाहिए। तभी आपको सब्सिडी का फायदा मिलेगा तो ये जो शर्तें होती हैं सब्सिडी प्राप्त करने की ये किसान को बैंक द्वारा बताई जानी चाहिए। किसान को ये बातें पहले बता दें तो फिर 12% ब्याज नहीं देना पड़ेगा तो इसलिए दोस्तों यहां पर किसान के साथ धोखा हो रहा है।

खाते की जब भी अदायगी करें तो बैलेंस क्रेडिट में ले आए उस दशा में किसान को 3% की सब्सिडी मिलती है लेकिन यहां पर 90 परसेंट किसान ऐसे हैं जो कि 12% ब्याज भरते हैं और उनको सब्सिडी का कोई भी लाभ नहीं मिलता। इन्हीं कमियों की वजह से तो दोस्तों ये थे कुछ नुकसान जो कि केसीसी लोन लेने वाले किसानों को उठाने पड़ते हैं। अगर आपने भी केसीसी लोन ले रखा है तो निश्चित रूप से आपको भी ये नुकसान उठाने पड़ होंगे।

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