यदि 4 जून को बीजेपी नहीं बना पाई सरकार, तो क्या होगा शेयर मार्किट का!

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दोस्तों, शेयर मार्किट आज ऑल-टाइम टॉप शिखर पर है, सेंसेक्स में 500 अंक से भी ज्यादा की उछाल हुई है, जबकि निफ्टी में 100 अंक से अधिक तेजी आई है। लोकसभा चुनावों के रिजल्ट 4 जून को जारी किये जायेगे। इस बीच जानकारों का कहना है कि रिजल्ट उम्मीदों के मुताबिक नहीं आए तो शेयर बाजार में बहुत ज्यादा गिरावट देखने को मिल सकती है।

शेयर मार्केट नए रेकॉर्ड पर पहुंच गया। फाइनेंशियल और मेटल शेयरों के दम पर बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 500 अंक से अधिक तेजी के साथ 75,949.30 अंक के ऑल-टाइम हाई लेवल पर पहुंच गया। निफ्टी 50 इंडेक्स (Nifty50) भी 100 अंक से अधिक तेजी के साथ 23,092 अंक के नए रेकॉर्ड को छू गया। लेकिन जानकारों का कहना है कि अगर लोकसभा चुनावों में बीजेपी सरकार नहीं बना पाती है तो स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है। ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म यूबीएस (UBS) के मुताबिक अगर चार जून के नतीजे में एनडीए के पक्ष में नहीं रहते हैं तो इक्विटी वैल्यूएशन 2014 से पहले के स्तर तक जा सकता है।
दिग्गज ब्रोकरेज फर्म जेफरीज के इक्विटी स्ट्रैटेजी ग्लोबल हेड क्रिस वुड ने बड़ा दावा किया है कि चुनाव के नतीजों में अगर उलटफेर हुआ तो बाजार में 25% तक की गिरावट देखने को मिल सकती है.
यूबीएस सिक्योरिटीज के प्रेमल कामदार ने कहा कि अगर लोकसभा चुनावों के परिणाम उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहते हैं, तो इसका शेयर बाजार में निगेटिव असर होगा। इसकी वजह यह है कि राजनीतिक अस्थितरता और पॉलिसी पैरालिसिस की आशंका के कारण बाजार प्रभावित होगा और निवेशकों का भरोसा डगमगा जाएगा। इससे नियर टर्म में फाइनेंशियल मार्केट्स में तीव्र प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है। ऐतिहासिक रूप से जब भी चुनाव रिजल्ट के कारण बाजार में गिरावट आई है, तो उसकी भरपाई के लिए मीडियम से लॉन्ग टर्म तक इंतजार करना पड़ता है। इसकी वजह यह है कि बाजार और कंपनियों को नई सरकार की नई नीतियों के अनुरूप ढ़लने में टाईम लगता है।

If BJP loses what happened in stock market ?

ब्रोकरेज ने इन चुनावों में इन्वेस्टर्स के लिए चार सीनेरेयो बनाए हैं।

सीनेरियो 1

यदि बीजेपी इन चुनावों में अपनी सिंगल-पार्टी मैज्योरिटी बरकरार रखती है तो मार्केट्स को यह भरोसा हो जाता है कि सरकार की पुरानी नीतियां जारी रहेंगी। विनिवेश, लैंड बिल और यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बात आगे बढ़ सकती है। कुल मिलाकर फाइनेंशियल मार्केट का सेंटीमेंट पॉजिटिव बना रहेगा। जिसके गिरने के संभावना बहुत कम है।

सीनेरियो 2

यदि बीजेपी अकेले बहुमत हासिल में नाकाम रहती है और एनडीए के दूसरे घटक दलों के साथ मिलकर सरकार बनाती है, तो नीतिगत स्थिरता को लेकर बाजार की भरोसा थोड़ा सा डगमगा सकता है। ऐसी स्थिति में गठबंधन के दूसरे दलों की तरफ से दबाव बढ़ जाता है, लेकिन ओवरऑल मैक्रो स्टैबिलिटी बनी रह सकती है। इसका वित्तीय बाजारों पर मिलाजुला असर देखने को मिलेगा।

सीनेरियो 3

यदि एनडीए बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाते और किसी को भी पूर्ण बहुमत नहीं मिलता, तो बाजार में अनिश्चितता बढ़ सकती है। मजबूत सरकार नहीं होने पर फैसले लेने में देरी लगती है और सुधारों पर असर पड़ता है। इससे पॉलिसी पैरालिसिस की स्थिति पैदा हो सकती है जिसका फाइनेंशियल मार्केट्स पर नकारात्मक असर देखने को मिल सकता है।

सीनेरियो 4

यदि INDIA गठबंधन की सरकार बनती है तो इससे बाजार में अनिश्चितता की हलचल पैदा हो सकती है। ऐसा होने पर सर्कार अपनी नीतियों में बदलाव कर सकती है। यूबीएस ने कहा कि ऐसा होने पर एनडीए सरकार के कई सुधारों को बदला जा सकता है। सरकार में बदलाव होने पर शेयर बाजार में तेजी से प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है।

नोट : दोस्तों जब शेयर टॉप सिखर पर होता है, तब उसके बढ़ने के चांस ज्यादातर कम ही होते हैं, शेयर बाजार के जानकारों का कहना है, अगर बीजेपी चुनाव हार जाती है तो शेयर बाजार अपने 2014 वाले स्तर तक जा सकता है। दोस्तों में आपको एक सलाह दूंगा। सुनो सब की, करो अपने मन की। दोस्तों मैंने आपको इन शेयरों की जानकारी तो देदी है, लेकिन आप शेयर खरीदे तो को अपनी जिम्मेवारी पर खरीदे और अपनी जिम्मेवारी पर ही बेचें। मुझे आशा है दोस्तों आपको ये पोस्ट पसंद आई होगी।
धन्यवाद !

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